कोरोना से चीन की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि पाबंदियां हटने के बाद से धीरे-धीरे शॉपिंग मॉल और रेस्तरां में लोगों की मौजूदगी बढ़ रही है। चीन की अर्थव्यवस्था में तेज़ी से गिरावट देखी जा सकती है। दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश में तेज़ी से अर्थव्यवस्था गिरने से चीन का बरसों पुराना रिकोर्ड टूटा है। चीन की अर्थव्यवस्था गिरने का एक कारण सख्त लॉकडाउन को भी माना जा रहा है।
चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने कहा कि चौथी तिमाही में चीन की अर्थव्यवस्था साल-दर-साल 2.9 प्रतिशत बढ़ी, जबकि तीसरी तिमाही में यह 3.9 प्रतिशत थी ।2021 में चीन की अर्थव्यवस्था में 8.1 फीसद की दर से बढ़ोतरी हुई। लेकिन अब इसमें आधे से अधिक की गिरावट हुई है। यह दर 2021 के प्रदर्शन की तुलना में पहले से ही बहुत कम है। कोरोना के चलते व्यवसायों को अचानक बंद करना पड़ा। दुनिया की सबसे बड़ी आईफोन फैक्ट्री झेंग्झौ भी इसका शिकार हई। इसके चलते अर्थव्यवस्था में निर्यात प्रतिशत काफी घट गया। मैन्युफैरिंग केंद्रों में विनिर्माण सुविधाओं और बीजिंग ने दिसंबर की शुरुआत में विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर अचानक महामारी प्रतिबंधों को ढीला कर दिया था।