डोर से बंधी पतंग उड़ती तो है, पर आजाद नहीं होती। लेकिन एक समय ऐसा भी आता है जब कटती है पतंग और आजादी की उड़ान से सजता है आसमान। बेफिक्र और बेखौफ होकर वह अपने सपनों को सच करती है। रिवाजों की बेड़ियों और कायदों की जंजीरों में कैद सपनों को बाहर निकालकर उसे सच करने वाली ही भारत की एकमात्र प्रोफेशनल स्ट्रीट बाइक फ्रीस्टाइल एथलीट Anam Hashim बनती है। क्योंकि सच्चाई हो अंदर तो सपनों के आगे जमाने की कोई शर्त नहीं होती। International Women's Day पर Hamdard Safi अनम के संघर्ष और जुनून को सलाम करता है।